CG Election: चुनाव की तारीख का ऐलान जल्द, 15 से 20 दिसंबर के बीच होगी घोषणा

CG Election: नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा दिसंबर के 15 से 20 तारीख के बीच होने की संभावना है। इस संदर्भ में, प्रमुख राजनीतिक दलों जैसे बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीतियों पर गंभीरता से मंथन करना शुरू कर दिया है। इन चुनावों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच रणनीतिक चर्चा तेज हो गई है, ताकि वे मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रभावी रूप से अपने मुद्दों और योजनाओं को प्रस्तुत कर सकें।

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल अपनी-अपनी चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं। बीजेपी जहां अपने शासन की उपलब्धियों और विकास कार्यों को प्रमुखता दे सकती है, वहीं कांग्रेस अपने पारंपरिक मुद्दों और स्थानीय स्तर पर समर्थन बढ़ाने की कोशिश कर सकती है। इन चुनावों में कई स्थानीय मुद्दों का प्रभाव भी देखने को मिल सकता है, जो दोनों दलों के लिए एक अहम चुनौती होगी।

इस दौरान चुनावी प्रचार, उम्मीदवार चयन और पार्टी के संगठनात्मक पहलुओं पर भी चर्चा चल रही है। चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने से पहले, दोनों ही दल चुनावी माहौल का आकलन करने के साथ-साथ अपने-अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए भी तैयार हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया अब तेज हो गई है और निर्वाचन आयोग की तैयारी भी लगभग पूरी हो गई है। इसके बाद चुनाव तिथियों की घोषणा की जाएगी। इस बार प्रदेश के 14 नगर निगमों में से 10 नगर निगमों में चुनाव होंगे। इसके अलावा नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी चुनाव होंगे। चुनाव के दृष्टिगत, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं और अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में लगी हैं। चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है और दोनों प्रमुख राजनीतिक दल इस महत्वपूर्ण चुनाव को लेकर काफी सक्रिय हैं।

15-20 दिसंबर के बीच चुनाव की घोषणा की संभावना: सरकार की तैयारी

प्रदेश में निकाय चुनाव की घोषणा जल्द ही की जा सकती है। निवार्चन आयोग द्वारा चुनाव की तिथि 15 से 20 दिसंबर के बीच घोषित किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही 11 दिसंबर के आसपास वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन हो सकता है। इस लिस्ट के बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछली बार 30 नवंबर 2019 को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की गई थी।

बीजेपी ने युवाओं को प्राथमिकता देने का किया वादा

बीजेपी निकाय चुनाव के लिए लगातार बैठकों का आयोजन कर रही है, और हाल ही में हुई एक बैठक के बाद यह साफ हुआ है कि पार्टी इस बार नए युवा चेहरों को मौका देगी। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि लॉटरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही चुनाव की रणनीति पर तेजी से काम किया जाएगा। वहीं, कांग्रेस पार्टी में इस समय अंदरूनी घमासान चल रहा है। पार्टी के नेताओं और पार्षदों के बीच हो रही बैठकों में विवाद की स्थिति बन गई है। ऐसे में यह देखना होगा कि कांग्रेस इस कोलाहल के बीच किस तरह चुनाव की रणनीति तैयार करती है और कैसे पार्टी के भीतर के मतभेदों को सुलझा पाती है।

आरक्षण नियमों का सार्वजनिक घोषणापत्र क्या बदलाव आए हैं

राज्य सरकार ने नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस फैसले को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी, और अब इसे राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है।

नए निर्णय के अनुसार, अब स्थानीय निकायों में आरक्षण की एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर दिया गया है। इसके बजाय, आरक्षण की सीमा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जनसंख्या के अनुपात में अधिकतम 50 प्रतिशत तक होगी।

यदि किसी निकाय में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) का आरक्षण मिलाकर कुल 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, तो उस निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य होगा। वहीं, यदि SC और ST का आरक्षण 50 प्रतिशत से कम है, तो अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में 50 प्रतिशत तक होगा, लेकिन यह आरक्षण उस निकाय में OBC की आबादी से अधिक नहीं होगा।

इसके अलावा, राज्य स्तर पर जिन पदों के लिए आरक्षण तय होते हैं, जैसे कि जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष आदि, उनके लिए आरक्षित पदों की संख्या निकाय की कुल जनसंख्या के आधार पर तय की जाएगी। इसके लिए उपरोक्त सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।

यह बदलाव, विशेष रूप से OBC वर्ग के लिए अधिक अवसर पैदा करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है, जिससे चुनाव प्रक्रिया और आरक्षण व्यवस्था में अधिक समानता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

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