Delhi News: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, और हाल ही में यह खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। इस स्थिति को देखते हुए, सरकार ने कृत्रिम बारिश का सहारा लेने का विचार किया है ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और वायु गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके। हालांकि, इस योजना के पीछे कई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
कृत्रिम बारिश एक तकनीकी प्रक्रिया है, जिसमें बादलों में रासायनिक पदार्थ डालकर बारिश को प्रेरित किया जाता है। लेकिन दिल्ली में भारी प्रदूषण के बावजूद कृत्रिम बारिश नहीं हो पा रही है, इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
- बादलों की कमी: कृत्रिम बारिश के लिए बादल होना आवश्यक है, लेकिन दिल्ली के ऊपर साफ आसमान और कम बादल होने के कारण इस प्रक्रिया को लागू करना मुश्किल हो रहा है।
- वातावरणीय परिस्थितियाँ: कृत्रिम बारिश के लिए सही तापमान, आर्द्रता और हवा की दिशा होना जरूरी है। प्रदूषण के कारण दिल्ली में इन तत्वों की स्थिति अनुकूल नहीं है, जिससे यह प्रक्रिया सफल नहीं हो पा रही है।
- किफायती और प्रभावी उपायों का अभाव: कृत्रिम बारिश एक महंगी प्रक्रिया है और इसे बड़े पैमाने पर लागू करना आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके अलावा, प्रदूषण को स्थायी रूप से कम करने के लिए केवल कृत्रिम बारिश पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है।
इन समस्याओं के कारण दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश का उपाय अभी तक प्रभावी साबित नहीं हो पा रहा है।