CG Teacher Suspended: DEO ने कार्रवाई करते हुए दो सहायक शिक्षकों को किया निलंबित, जानें वजह

CG Teacher Suspended: दो शिक्षकों के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी ने निलंबन की कार्रवाई की है, जो स्कूल से अनुपस्थित रहते हुए मनमानी कर रहे थे। ये दोनों शिक्षक धमतरी ब्लॉक से हैं। उनके खिलाफ यह कार्रवाई उनकी लापरवाही और अनुशासनहीनता के कारण की गई है, जिससे शैक्षिक माहौल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

यह समाचार रिपोर्ट दो शिक्षकों पर की गई निलंबन की कार्रवाई के बारे में है। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने उन पर कार्य में लापरवाही बरतने और अनुशासनहीनता के आरोप लगाए हैं। इनमें से एक शिक्षक, जो अरौद के सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे, ड्यूटी से अनुपस्थित रहते थे और शराब पीकर स्कूल आते थे। जबकि दूसरे शिक्षक, सेजेस कंडेल की सहायक शिक्षिका, को अनुशासनहीनता के कारण निलंबित किया गया है। दोनों शिक्षकों पर यह कार्रवाई तत्काल प्रभाव से की गई है।

यह घटना धमतरी ब्लॉक से संबंधित है, जहाँ शासकीय प्राथमिक शाला अरौद लीलर में पदस्थ सहायक शिक्षक मिलन सिंह ध्रुव की शिकायतें आई थीं। जिला शिक्षा विभाग ने बताया कि मिलन सिंह ध्रुव की शिकायतें गंभीर थीं। उन्हें शराब सेवन कर विद्यालय आने, विद्यालय में अध्यापन कार्य से दूर रहने और बिना अनुमति के स्कूल से गायब रहने के कारण ग्रामीणों की चिंता का कारण बन गए थे। उनकी अनाधिकृत अनुपस्थिति की संख्या भी बहुत अधिक थी, जिससे विद्यालय की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी और छात्रों की शिक्षा में बाधा उत्पन्न हो रही थी।

यह घटना एक शिक्षक की अनुशासनहीनता और लापरवाही की कहानी को दर्शाती है। शिकायत के बाद, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय कंडेल (सेजेस कण्डेल) में पदस्थ सहायक शिक्षक (प्रयोगशाला), लावनी साहू, के खिलाफ जांच की गई। शिक्षक ने शालेय आचरण नियमों का उल्लंघन किया, निर्धारित समय पर विद्यालय में उपस्थित नहीं रही, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की और कारण बताओ नोटिस का जवाब भी नहीं दिया। इसके अलावा, क्षेत्रीय लोगों ने भी शिक्षिका की कार्यशैली पर शिकायत की थी।

जांच के दौरान आरोप सही पाए गए और परिणामस्वरूप जिला शिक्षा अधिकारी टीआर जगदल्ले ने लावनी साहू सहित एक अन्य शिक्षक को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान दोनों शिक्षकों का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय धमतरी होगा। इस कार्रवाई ने शिक्षक समुदाय में हड़कंप मचा दिया, वहीं प्रभावित क्षेत्र के पालकों ने इस कदम को सही और न्यायसंगत बताया। इस घटना ने शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता को भी उजागर किया है।

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