Gariaband News: जिले में अवैध चावल की खरीद-फरोख्त पर कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई है। यह कदम खाद्य सुरक्षा और कानून के उल्लंघन को रोकने के लिए उठाया गया है। जिला प्रशासन ने इस दिशा में खाद्य निरीक्षक रितु मौर्य को विशेष रूप से नियुक्त किया है, जिन्होंने नागाबुड़ा क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए कई व्यापारियों द्वारा अवैध रूप से खरीदी गई चावल और धान को जप्त किया। इस कार्रवाई में कुल 35 बोरी चावल, जिसका वजन लगभग 17.5 क्विंटल था, और 49 बोरी धान, जिसका वजन लगभग 19.6 क्विंटल था, जप्त किया गया है।
यह कार्रवाई आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत की गई है, जो देश में अनाज और खाद्य सामग्री के अवैध संग्रहण और व्यापार को रोकने के लिए बनाई गई है। इस अधिनियम के तहत, यदि किसी व्यापारी के पास अनाज का भंडारण अधिक मात्रा में पाया जाता है, तो उसे जप्त किया जा सकता है, और उस व्यापारी पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। चावल और धान जैसे खाद्य सामग्री का अवैध व्यापार न केवल सरकार की योजनाओं और गरीबों के लिए निर्धारित राशन को प्रभावित करता है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा को भी खतरे में डालता है।
खाद्य निरीक्षक रितु मौर्य ने बताया कि यह कार्रवाई उस समय की गई जब उन्हें खुफिया जानकारी मिली कि कुछ व्यापारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत वितरित किए गए चावल और धान को अवैध रूप से खरीद रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर, टीम ने नागाबुड़ा क्षेत्र में छापा मारा और अवैध चावल तथा धान को बरामद किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रशासन लगातार निगरानी रखे हुए है और किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस कार्रवाई से यह भी संदेश जाता है कि प्रशासन इस तरह की अवैध गतिविधियों के खिलाफ पूरी तरह से गंभीर है। अवैध व्यापार से न केवल सरकारी वितरण प्रणालियों को नुकसान होता है, बल्कि इससे समाज में असमानता और खाद्य संकट जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को उचित दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें। जब चावल और धान का अवैध व्यापार होता है, तो इससे उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री नहीं मिल पाती, और गरीबों के लिए राशन की कमी हो जाती है।
कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने इस मामले में अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे इस तरह के अवैध व्यापार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और सुनिश्चित करें कि सभी सरकारी योजनाओं का सही तरीके से पालन हो। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन का उद्देश्य किसी भी प्रकार की काला बाजारी और अवैध व्यापार को पूरी तरह से समाप्त करना है। इसके अलावा, उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना प्रशासन को दें, ताकि इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सके।
इस घटना के बाद, जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा की दिशा में अपने प्रयासों को और तेज कर दिया है, ताकि खाद्यान्न की अवैध खरीद-बिक्री पर काबू पाया जा सके और आम जनता को सस्ते और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिल सकें।