SARKARI YOJANA: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (Pradhan Mantri TB Mukt Bharat Abhiyan) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य देश को टीबी (क्षय रोग) से पूरी तरह मुक्त करना है। इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में की गई थी, और इसे राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम (NTEP) के अंतर्गत चलाया जा रहा है।
अभियान का नाम
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (PM TB Mukt Bharat Abhiyan)
उद्देश्य (Goal)
- भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाना।
- टीबी रोगियों को न केवल चिकित्सकीय सहायता, बल्कि पोषण और सामाजिक समर्थन प्रदान करना।
- टीबी के मामलों की पहचान, उपचार और पुनः संक्रमण को रोकना।
शुरुआत कब हुई?
इस अभियान की शुरुआत 9 सितंबर 2022 को की गई थी।
मुख्य तत्व – ‘निक्षय मित्र’ पहल
- ‘निक्षय मित्र’ का अर्थ है: वे लोग या संस्थाएं जो टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी सहायता करें।
- इसमें कोई भी व्यक्ति, संस्था, एनजीओ, कॉर्पोरेट या लोक सेवक टीबी मरीज को गोद लेकर उसे इलाज के दौरान जरूरी पोषण, चिकित्सा सहायता और नैतिक समर्थन देता है।
- यह पहल ‘जनभागीदारी’ (People’s Participation) पर आधारित है।
मुख्य घटक / गतिविधियाँ
निःशुल्क जांच और उपचार: सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में सभी को मुफ्त टीबी जांच और इलाज की सुविधा।
पोषण सहायता: टीबी रोगियों को हर महीने पोषण सहायता (जैसे सूखा राशन या नकद सहायता)।
सक्रिय केस फाइंडिंग: संभावित रोगियों की पहचान के लिए विशेष शिविर और घर-घर जाकर जांच।
डिजिटल निगरानी: निक्षय पोर्टल के माध्यम से मरीज की जानकारी और इलाज की निगरानी।
सामुदायिक भागीदारी: समाज को जागरूक करना, भेदभाव हटाना और सहयोग को बढ़ावा देना।
महत्व क्यों है?
- भारत में टीबी एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।
- दुनिया में टीबी के सबसे अधिक मरीज भारत में हैं – वैश्विक मामलों का लगभग 26%।
- टीबी न केवल एक बीमारी है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक बोझ भी है।
सरकार का दृष्टिकोण
- सरकार का लक्ष्य है कि दुनिया से 5 साल पहले, यानी 2025 तक भारत से टीबी का पूरी तरह उन्मूलन कर दिया जाए। (WHO का वैश्विक लक्ष्य है 2030 तक टीबी समाप्त करना)
- इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं, साथ ही जन सहयोग भी लिया जा रहा है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ की भावना से चल रही है। इसका मकसद सिर्फ टीबी का इलाज करना नहीं, बल्कि टीबी रोगियों को सम्मान, पोषण और जीवन की गुणवत्ता देना है, ताकि वे फिर से स्वस्थ और सशक्त जीवन जी सकें।