Hypersonic Missile: शनिवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारत ने एक लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का परीक्षण भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों की प्रगति को दर्शाता है। हाइपरसोनिक मिसाइल की गति ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक होती है, जो इसे बेहद शक्तिशाली और तेज बनाती है। यह मिसाइल दुश्मन के रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम होती है, और इसका परीक्षण भारतीय सैन्य क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत ने ओडिशा के तट पर हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर इतिहास रच दिया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इस परीक्षण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से शनिवार को लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया। इस सफलता के साथ भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रमों के उन्नत चरण में प्रवेश करने वाला चौथा देश बन गया है। इस सफलता से भारत की सैन्य ताकत और रक्षा क्षेत्र में प्रगति को मजबूती मिली है। वहीं, फ्रांस, जर्मनी, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इस प्रकार की हथियार प्रणाली विकसित करने में जुटे हुए हैं।
रक्षामंत्री ने इस परीक्षण को ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास ऐसी महत्वपूर्ण सैन्य प्रौद्योगिकी को विकसित करने की क्षमता है। यह हाइपरसोनिक मिसाइल आवाज की गति से पांच गुना तेज रफ्तार से वार करती है और इसमें आधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, प्रतिरोधक और मारक क्षमता है। इस मिसाइल की गति करीब 6,174 किलोमीटर प्रति घंटा है, जिससे दुश्मन के लिए इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। यह मिसाइल भारतीय सशस्त्र बलों की सभी सेवाओं के लिए बनाई गई है। परीक्षण के दौरान, डीआरडीओ और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मौजूदगी में मिसाइल को विभिन्न रेंज सिस्टम द्वारा ट्रैक किया गया और फ्लाइट डेटा से यह पुष्टि हुई कि परीक्षण सफल रहे। इस सफलता के बाद रक्षामंत्री के साथ रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर कामत ने टीम को बधाई दी।
यह हाइपरसोनिक मिसाइल हैदराबाद के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और उद्योग भागीदारों की मदद से स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। इसे इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह 1,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक पेलोड ले जा सके।
हाइपरसोनिक मिसाइल की विशेषताएं:
- ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक रफ्तार।
- किसी भी परिस्थिति में ऑपरेशन को अंजाम देने की क्षमता।
- दुश्मन के रडार को चकमा देने की क्षमता।
- हवा में अपना रास्ता खुद बनाने की क्षमता।
बैलिस्टिक मिसाइल के मुकाबले अधिक शक्ति:
- हाइपरसोनिक मिसाइल 5 मैक (आवाज की गति से पांच गुना तेज) या उससे अधिक गति से उड़ान भरती है, और इसकी गतिशीलता इसे बैलिस्टिक मिसाइल से अलग करती है। इसे इच्छित लक्ष्य तक पहुंचाया जा सकता है।
- जब दूसरा बल उपलब्ध न हो या लक्ष्य तक पहुंचने में समय लगे, तब इस मिसाइल से लंबी दूरी के ठिकानों पर वार किया जा सकता है। यह बैलिस्टिक मिसाइल के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है।
- हाइपरसोनिक मिसाइल की तेज गति और कम ऊंचाई के कारण इसका पता लगाना चुनौतीपूर्ण है। रडार इसे तब तक ट्रैक नहीं कर पाते, जब तक यह लक्ष्य के नजदीक नहीं पहुंच जाती।