International News: नए नेतृत्व की ओर, भारत को वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत

International News: एलन मस्क अब अपने देश में उन मुद्दों पर खुलकर बोलने लगे हैं जो प्रवासियों के हितों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने हाल ही में ‘गेमिंग इंडस्ट्री’ के लिए एक नए प्लेटफॉर्म की शुरुआत करने की घोषणा की है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य माइक्रोसॉफ्ट और सोनी जैसी बड़ी कंपनियों को चुनौती देना और पूरी गेमिंग इंडस्ट्री को नया स्वरूप देना है। मस्क का दावा है कि यह कदम गेमिंग जगत में एक बड़ी क्रांति ला सकता है।

डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत अपने देश को फिर से महान बनाने का वादा किया और राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। हालांकि उनकी छवि भारत के पक्ष में नजर आ रही है, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी ने जो नैरेटिव तैयार किया है, उसके संभावित दुष्प्रभावों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। ट्रंप के सत्ता में आने से डॉलर की मजबूती के कारण भारतीय रुपए की कमजोरी और महंगाई में वृद्धि हो सकती है, साथ ही ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें भी प्रभावित हो सकती हैं। ट्रंप की नीतियों के चलते फेडरल रिजर्व अपने दर कटौती चक्र पर ब्रेक भी लगा सकता है।

ट्रंप की जीत में ‘वाइट सुपरमेसी’ और प्रवासियों के मुद्दे ने काफी तूल पकड़ा है, और ये मुद्दे भारत के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। पहले कार्यकाल में ट्रंप ने भारत के आयात शुल्क को लेकर आलोचना की थी और कहा था कि भारत का टैरिफ सिस्टम ठीक नहीं है। हाल ही में ट्रंप ने अमेरिका के तीन बड़े साझीदारों – मैक्सिको, कनाडा और चीन पर व्यापारिक व्यवहार और प्रवासियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर अतिरिक्त टैक्स लगाने की धमकी दी है। फिलहाल भारत को इस धमकी से बाहर रखा गया है, लेकिन भविष्य में इसे नकारा नहीं जा सकता।

इसके अतिरिक्त, ट्रंप के सहयोगी एलन मस्क अपनी कंपनी के विस्तार के लिए भारत से रियायतें मांग रहे हैं, जो भारतीय कंपनियों पर प्रतिकूल असर डाल सकती हैं। भारतीय टेलीकॉम कंपनियां मस्क के आगमन से होने वाले नकारात्मक प्रभावों को लेकर सतर्क हैं। मस्क अपने देश में ऐसे अभियानों का समर्थन कर रहे हैं, जो प्रवासियों के हितों को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही, मस्क की ‘गेमिंग इंडस्ट्री’ में नई पहल भी माइक्रोसॉफ्ट और सोनी जैसी कंपनियों को चुनौती देने की घोषणा के साथ आई है, जो भारतीय सीईओ सत्या नडेला के खिलाफ नकारात्मक अभियानों को भी बढ़ावा देती है। ऐसे में, ट्रंप की नीतियों का असर भारत के लिए मिश्रित हो सकता है, और देश को सतर्क रहना चाहिए।

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