J&K News: आंध्र प्रदेश के मंत्री पय्यावुला केशव ने बाढ़ उपकर के प्रस्ताव पर जीएसटी काउंसिल से विचार करने को कहा

J&K News: आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री, पय्यावुला केशव ने शनिवार (21 दिसंबर 2024) को जयपुर में आयोजित 55वें GST काउंसिल की बैठक में, आंध्र प्रदेश सरकार को 1% बाढ़ उपकर लगाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। यह उपकर उन वस्तुओं पर लागू होगा, जिन पर 5% या उससे अधिक जीएसटी स्लैब का कर लगता है और जो राज्य के माध्यम से परिवहन की जाती हैं। इसका उद्देश्य राज्य को अतिरिक्त धनराशि जुटाने में मदद करना है, ताकि हालिया अचानक बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को सुसंगत तरीके से लागू किया जा सके।

केशव ने बताया कि यह प्रस्तावित उपकर गरीब और मध्यम वर्ग पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगा। इसका उद्देश्य सिर्फ उन क्षेत्रों के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना है, जिन्हें बाढ़ के कारण अत्यधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि केरल सरकार ने 2018 की बाढ़ के दौरान इसी तरह का उपकर लागू किया था, जो सफलतापूर्वक राहत कार्यों के लिए फंड जुटाने में मददगार साबित हुआ था।

आंध्र प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ ने राज्य की कई नदियों और जलाशयों में भारी वृद्धि की वजह से तबाही मचाई है। कई गांव और कस्बे बाढ़ की चपेट में आ गए, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए। बाढ़ में दर्जनों घर, कृषि भूमि, सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस स्थिति में, राज्य सरकार को इन प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित और प्रभावी राहत कार्यों की आवश्यकता है, और इसके लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी।

वित्त मंत्री केशव ने काउंसिल से अपील करते हुए यह कहा कि बाढ़ उपकर से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग राहत कार्यों, प्रभावित लोगों के पुनर्वास, और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में किया जाएगा। इस प्रकार के उपकर पहले भी राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए हैं, और यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत देने की दिशा में सकारात्मक कदम साबित हो सकते हैं।

केशव ने यह भी स्पष्ट किया कि उपकर लगाने का उद्देश्य किसी भी तरह से सामान्य जनता पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव नहीं डालना है। उनका कहना था कि यह उपकर केवल उन वस्तुओं पर लगाया जाएगा, जिनका उपयोग सामान्यत: उच्च आय वर्ग द्वारा किया जाता है। इस कदम से केवल उन्हें ही प्रभावित किया जाएगा, जो उच्च कर स्लैब वाले उत्पादों का उपयोग करते हैं, और इसके परिणामस्वरूप गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

काउंसिल के सदस्यों ने भी इस प्रस्ताव पर चर्चा की और सुझाव दिया कि उपकर को लागू करने से पहले सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श किया जाए। इसके बाद, प्रस्ताव को काउंसिल की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। पय्यावुला केशव ने इस दिशा में कदम उठाने के लिए काउंसिल का आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि इस पहल से प्रभावित क्षेत्रों में जल्द राहत पहुंचाई जा सकेगी।

आंध्र प्रदेश सरकार का यह कदम संकट के समय में राज्य की मदद करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। राज्य सरकार के पास सीमित संसाधन हैं, और ऐसे में एक उपकर के माध्यम से अतिरिक्त धन जुटाना राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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