Madhya-Pradesh: शराब के नशे में स्कूल पहुंचे प्रिंसिपल, कलेक्टर ने किया निलंबित

Madhya-Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत ‘स्कूल चले हम अभियान’ और ‘सब पढ़ें-सब बढ़ें’ जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं, जो बच्चों के शिक्षा स्तर को सुधारने का उद्देश्य रखती हैं। इन योजनाओं के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जो अपनी अनुशासनहीनता और गलत व्यवहार के कारण सरकार के इस प्रयास को विफल करने में योगदान दे रहे हैं।

ताजा मामला रीवा जिले से सामने आया है, जहां एक शिक्षक जो बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं, खुद विद्यालय परिसर में शराब के नशे में धुत होकर गिरते-पड़ते हुए देखे गए। यह घटना शिक्षकों के पेशेवर आचरण पर सवाल उठाती है और इससे बच्चों को गलत संदेश जाता है। ऐसे व्यवहार से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि समाज में शिक्षक के सम्मान को भी ठेस पहुंचती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जाए और संबंधित शिक्षकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि शिक्षा का माहौल स्वस्थ और सकारात्मक बना रहे।

यह मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले के जवा विकास खंड का है, जहां शासकीय हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक मुन्नालाल कोल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचे हैं। यह कोई पहली बार नहीं है जब प्रधानाध्यापक मुन्नालाल कोल नशे की हालत में स्कूल पहुंचे हों। इससे पहले भी उनके नशे में धुत होने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें वह लड़खड़ाते हुए नजर आ रहे थे।

यह घटना प्रशासनिक और शैक्षिक व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है, क्योंकि ऐसे कृत्य बच्चों और विद्यालय की गरिमा पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।

यह घटना एक गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता को दर्शाती है। जिले के शिक्षा अधिकारी ने जवा हाई सेकेंडरी स्कूल में हुई शिकायत के बाद संकुल प्राचार्य हरि मणि त्रिपाठी को जांच के लिए भेजा था। जब जांच के दौरान प्रिंसिपल मुन्नालाल कोल नशे की हालत में पाए गए, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो गई।

स्कूल परिसर में घूमते हुए वे नशे में चूर दिखाई दिए, और उनकी स्थिति इतनी खराब थी कि कई बार वे गिर भी पड़े। संकुल प्राचार्य ने इस स्थिति को सुधारने की कोशिश की, लेकिन प्रिंसिपल साहब इतने अधिक नशे में थे कि उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। यह घटना शिक्षा व्यवस्था की छवि को भी प्रभावित कर सकती है और संबंधित अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।

कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा, “सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो हमारे संज्ञान में आया है, जो शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक का है। इस वीडियो के आधार पर शिक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा रही है।”

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