Mp Cabinet: किसानों को सौर ऊर्जा सिंचाई और डिजिटलीकरण की दिशा में मंत्रि-परिषद के महत्वपूर्ण फैसले

Mp Cabinet: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 को लागू करने की स्वीकृति दी गई। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 1999 में संशोधन किया गया है।

इस नए नियम के तहत कई प्रमुख बिंदु शामिल किए गए हैं, जैसे कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का डिजिटल रजिस्ट्रीकरण और इलेक्ट्रॉनिक परिदान, रजिस्ट्रीकृत जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डाटाबेस तैयार करना, और दत्तक ग्रहण किए गए, अनाथ, परित्यक्त, सरोगेट बच्चे और एकल माता-पिता या अविवाहित माता से जन्मे बच्चों के रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना।

इसके अतिरिक्त, जन्म प्रमाण पत्र के उपयोग की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नए प्रावधानों को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत, आपदा या महामारी के दौरान मृत्यु के त्वरित रजिस्ट्रीकरण और प्रमाण पत्र जारी करने के लिए विशेष “उप-रजिस्ट्रार” की नियुक्ति की व्यवस्था की गई है। अगर जन्म या मृत्यु के 30 दिन बाद लेकिन एक साल के भीतर विलंबित सूचना दी जाती है, तो इसके लिए शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि स्व-अनुप्रमाणित दस्तावेज स्वीकार किए जाएंगे। वहीं, एक साल से अधिक समय के बाद रजिस्ट्रीकरण के लिए आदेश देने वाले प्राधिकारी के रूप में जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट का नाम तय किया गया है। इस संशोधन से जनहित में जन शिकायत निवारण को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया है।

इसके बाद मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत करने की स्वीकृति दी। इससे किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध होगी, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा। सौर संयंत्रों से विद्युत वितरण उप केंद्रों पर ओवरलोडिंग और पावर कट की समस्या कम होगी, और इससे विद्युत उप केंद्रों के उन्नयन में होने वाले वित्तीय भार में भी कमी आएगी।

मंत्रि-परिषद ने आगामी सिंहस्थ मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्षिप्रा नदी के तट पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक 29.215 किलोमीटर लंबाई के घाट निर्माण कार्य के लिए 778 करोड़ 91 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी। इसके अलावा, पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत 28,798 करोड़ रूपये की लागत से परियोजना को स्वीकृति दी गई, जिससे मध्यप्रदेश के मालवा और चम्बल क्षेत्रों के 10 जिलों में सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाएगी।

जनजातीय क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए “धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” शुरू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति भी दी गई है, जो विभिन्न विभागों की योजनाओं के तहत शत-प्रतिशत सेचुरेशन सुनिश्चित करेगा।

अंत में, आयुष विभाग के अंतर्गत संचालित आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी महाविद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षु (इंटर्नशिप) और स्नातकोत्तर अध्येताओं की शिष्यवृत्ति और गृह चिकित्सकों के समेकित वेतन में वृद्धि को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की सहमति दी गई है।

इस बैठक में लिए गए निर्णय राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे, जिससे मध्यप्रदेश की जनता की भलाई के लिए कई सकारात्मक बदलाव होंगे।

Leave a Comment