Pt. Pradeep Mishra: सेजबहार में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन विशेष रूप से पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में हुआ, जिसमें लाखों भक्तों ने भाग लिया और भगवान शिव की महिमा का रसपान किया। इस आयोजन के पहले दिन लगभग 2 लाख भक्तों का हुजूम कथा स्थल पर पहुंचा, जहां उन्होंने शिव महिमा के बारे में विस्तार से सुना और जीवन के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए आचार्य श्री के वचनों का पालन किया। इस कथा में आचार्य श्री ने बताया कि भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं, और एक लोटा जल भगवान शिव पर अर्पित करने से हमारे जीवन के कर्ज और कष्ट दूर हो जाते हैं।
आचार्य श्री ने अपने प्रवचन में यह बताया कि एक लोटा जल भगवान शिव को समर्पित करने से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने यह भी कहा कि देवाधिदेव महादेव अपनी कृपा से हमारे कष्टों को दूर करते हैं और हमारी जिम्मेदारियों को निभाने की शक्ति प्रदान करते हैं। यह जल केवल एक पदार्थ नहीं है, बल्कि इसका महत्व हमारे जीवन में आत्मिक शुद्धि और संतुलन को बनाए रखने के लिए अत्यधिक है। जब हम इस जल को भगवान शिव पर अर्पित करते हैं, तो हमारी मनोबल और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
शिव महापुराण की कथा सुनने से भक्तों को अनेक लाभ होते हैं। आचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा ने भक्तों को यह समझाया कि जहां भी भगवान शिव की कथा हो, वहां इसे पूरी श्रद्धा और भाव से सुनना चाहिए। कथा का श्रवण करने से मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं, और व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति मिलती है। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान शिव की महिमा को समझना और उसे अपनी जिंदगी में उतारना हर भक्त का कर्तव्य होना चाहिए, क्योंकि शिव की कथा का सुनना जीवन को सही दिशा प्रदान करता है।
आचार्य श्री ने बताया कि भगवान शिव के चरणामृत को ग्रहण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। भगवान शिव को अर्पित एक लोटा जल, चाहे वह पानी हो या किसी अन्य रूप में, हमारे शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है। यह जल उर्जा का स्रोत बन जाता है और 41 दिनों तक हमें विशेष ऊर्जा प्रदान करता है, जैसा कि शिव महापुराण में वर्णित है। इसलिए, भक्तों को नियमित रूप से भगवान शिव पर जल चढ़ाकर अपने जीवन की शुद्धि करनी चाहिए, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें।
शिव की भक्ति से कई भक्तों को अपने जीवन में चमत्कारी फल मिले हैं। आचार्य श्री ने कई पत्रों का वाचन करते हुए यह बताया कि एक बहन, जो 13 वर्षों तक संतान की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रही थी, ने शिव महापुराण की कथा सुनी और उसे संतान की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार, एक अन्य भक्त ने भगवान शिव को शहद अर्पित किया और यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां भक्तों ने भगवान शिव की भक्ति से अपनी समस्याओं का समाधान पाया और जीवन में सफलता प्राप्त की।
इस कथा के आयोजन में कमल देवांगन, हेमंत देवांगन, और देवांगन समाज के कई प्रमुख व्यक्ति शामिल हुए, जिनमें डॉक्टर ओमप्रकाश देवांगन और लक्ष्मी नारायण देवांगन शामिल थे। कथा स्थल में करीब 3 लाख स्क्वायर फीट का पंडाल तैयार किया गया था, जो भक्तों से पूरी तरह भरा हुआ था। कथा के दौरान रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल और अन्य समाज के प्रमुख लोग भी उपस्थित थे। आयोजन के पहले दिन ही करीब 2 लाख भक्तों ने कथा का श्रवण किया और भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गए।
इस महापुराण कथा का आयोजन भक्तों को भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा को और प्रगाढ़ करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। यहाँ पर हर कोई बिना किसी रुकावट के शिव महिमा का अनुभव कर सकता है और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। इस कथा के माध्यम से भक्तों का आत्मिक विकास होता है, और उन्हें जीवन के कठिन समय में मार्गदर्शन मिलता है।