SARKARI YOJANA: भारतनेट प्रोजेक्ट

SARKARI YOJANA: भारतनेट परियोजना (BharatNet Project) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों को तेज़ गति वाली ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा से जोड़ना है। यह परियोजना डिजिटल इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका संचालन भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा किया जा रहा है, जो कि भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के अंतर्गत आता है।

भारतनेट परियोजना का उद्देश्य:

ग्रामीण भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना।

डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना।

ई-गवर्नेंस, ई-हेल्थ, ई-एजुकेशन और ई-कॉमर्स को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाना।

सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना।

    प्रमुख बिंदु:

    विषयविवरण
    शुरुआतअक्टूबर 2011 (पूर्व में नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क – NOFN के नाम से)
    नाम परिवर्तन2015 में NOFN का नाम बदलकर भारतनेट रखा गया
    क्रियान्वयन एजेंसीभारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL)
    लक्ष्य2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ना
    तकनीकऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) आधारित नेटवर्क
    गतिविधियांOFC बिछाना, वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करना, डिजिटल सेवा केंद्रों को सशक्त बनाना

    परियोजना के चरण:

    चरण 1:

    • 1 लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुँचाना।
    • मार्च 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य था।

    चरण 2:

    • शेष 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ना।
    • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से कार्यान्वयन।
    • राज्यों, निजी कंपनियों और केंद्र सरकार का सहयोग।

    चरण 3 (विचाराधीन / आगामी):

    • घर-घर ब्रॉडबैंड सुविधा देना (FTTH – Fiber to the Home)।
    • नेटवर्क की विश्वसनीयता, गति और गुणवत्ता को बेहतर बनाना।

    भारतनेट के लाभ:

    • ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार।
    • युवाओं के लिए डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास के अवसर।
    • किसानों को कृषि संबंधित जानकारी और बाजार से सीधा जुड़ाव।
    • डिजिटल भुगतान और बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंच।
    • स्थानीय उद्यमों और स्टार्टअप्स को इंटरनेट आधारित प्लेटफार्म प्रदान करना।

    चुनौतियाँ:

    • दूरदराज़ इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी।
    • रख-रखाव में कठिनाई।
    • तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनें।
    • बिजली आपूर्ति की अस्थिरता।
    • स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण और जागरूकता की कमी।

    निष्कर्ष:

    भारतनेट परियोजना ग्रामीण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। अगर इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, तो यह डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में एक मजबूत आधारशिला साबित हो सकता है।

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