SARKARI YOJANA: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

SARKARI YOJANA: भारत सरकार ने वर्ष 2023 में “राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन” की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) के उत्पादन और उपयोग के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनाना है, साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम करके ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है।

मिशन का उद्देश्य:

हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देना
नवीकरणीय ऊर्जा से हाइड्रोजन गैस का उत्पादन कर उसे ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में उपयोग करना।

भारत को हाइड्रोजन निर्यातक देश बनाना
भारत को हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव्स (जैसे अमोनिया, मेथनॉल आदि) के वैश्विक निर्यातक के रूप में स्थापित करना।

क्लाइमेट चेंज से लड़ना
जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करके कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी लाना।

रोज़गार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
नई तकनीक और उद्योगों के विकास से हज़ारों रोजगार के अवसर पैदा करना।

हरित हाइड्रोजन क्या है?

हरित हाइड्रोजन वह हाइड्रोजन होती है जिसे नवीकरणीय ऊर्जा (जैसे सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा) से पानी का इलेक्ट्रोलिसिस करके तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया पर्यावरण के लिए अनुकूल होती है क्योंकि इसमें कोई भी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन नहीं होता।

मिशन की प्रमुख बातें:

कुल निवेश: लगभग ₹19,744 करोड़ (सरकारी बजट से)

लक्ष्य:

  • 2030 तक 5 मिलियन टन (5 MMT) हरित हाइड्रोजन का वार्षिक उत्पादन।
  • 125 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ना।

मुख्य घटक (Components):

  • स्ट्रेटेजिक इंटरवेंशन्स फॉर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (SIGHT) – हरित हाइड्रोजन उत्पादन और इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण के लिए प्रोत्साहन।
  • पायलट प्रोजेक्ट्स – उद्योग, परिवहन, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन के प्रयोग को बढ़ावा देना।
  • आरएंडडी (R&D) – अनुसंधान और नवाचार के लिए सहयोग।
  • स्किल डेवलपमेंट – हरित हाइड्रोजन से संबंधित प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास।

उपयोग के क्षेत्र:

  • उद्योग: इस्पात, सीमेंट, रसायन उद्योग
  • ऊर्जा: बिजली उत्पादन और स्टोरेज
  • परिवहन: ईंधन सेल आधारित वाहन, रेल, जहाज

लाभ:

पर्यावरण के लिए लाभकारी – कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी

ऊर्जा आत्मनिर्भरता – आयातित ईंधनों पर निर्भरता घटेगी

नौकरी के अवसर – नई तकनीक और इंडस्ट्री में रोजगार की संभावना वैश्विक नेतृत्व – भारत को हरित हाइड्रोजन तकनीक में अग्रणी बनाने की दिशा में बड़ा कदम

निष्कर्ष:

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन भारत की ऊर्जा क्रांति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह मिशन सतत विकास, स्वच्छ पर्यावरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता को साथ लेकर चलता है। इसके सफल कार्यान्वयन से भारत 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक हब बन सकता है।

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