SARKARI YOJANA: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे 2007-08 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना और राज्यों को उनकी कृषि योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना को “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना – रेम्प अप एंड रीफोकस्ड (RKVY-RAFTAAR)” के रूप में 2017-18 में पुनर्गठित किया गया था।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के प्रमुख उद्देश्य
राज्यों को प्रोत्साहन: कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करना।
कृषि उत्पादन वृद्धि: कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा देना।
आधुनिक तकनीक का उपयोग: उन्नत कृषि तकनीकों और नवाचारों को अपनाने के लिए राज्यों को सहायता देना।
कृषि विविधीकरण: पारंपरिक खेती से हटकर वाणिज्यिक और लाभकारी कृषि को बढ़ावा देना।
किसानों की आय में वृद्धि: किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में कार्य करना।
कृषि अवसंरचना में सुधार: सिंचाई, भंडारण, विपणन और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
जलवायु परिवर्तन अनुकूलन: बदलते मौसम और जलवायु के अनुसार खेती की नई तकनीकों को बढ़ावा देना।
योजना का वित्तीय प्रबंधन
- इस योजना के तहत 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारें फंड प्रदान करती हैं।
- उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालयी क्षेत्रों के लिए 90:10 का अनुपात रखा गया है।
- केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषण किया जाता है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के घटक
RKVY-RAFTAAR
- 2017-18 में शुरू किया गया नया संस्करण।
- राज्यों को उनकी प्राथमिकताओं के अनुसार कृषि क्षेत्र में निवेश करने की अनुमति देता है।
- तीन प्रमुख घटक:
- आधारभूत परियोजनाएं (कृषि आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए)
- विशेष उप-योजनाएं (राज्य सरकारों द्वारा विशेष आवश्यकताओं के लिए)
- नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास (स्टार्टअप्स और कृषि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए)
इनोवेशन और एग्रीकल्चर स्टार्टअप्स
- किसानों और कृषि उद्यमियों को नवीन कृषि स्टार्टअप्स विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
आत्मनिर्भर कृषि
- कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया जाता है।
विशेष योजनाएँ
- जल संसाधन प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण, जैविक खेती, कृषि विपणन सुधार आदि के लिए राज्य सरकारें विशेष योजनाएँ बना सकती हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के लाभ
राज्यों को वित्तीय स्वायत्तता मिलती है, जिससे वे अपनी कृषि संबंधी योजनाओं को अपनी जरूरतों के अनुसार लागू कर सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ता है, जिससे किसानों को नई तकनीकों और संसाधनों का लाभ मिलता है।
किसानों की आय में वृद्धि होती है और वे अधिक आत्मनिर्भर बनते हैं।
कृषि के साथ-साथ सहायक क्षेत्रों (जैसे मछली पालन, पशुपालन, बागवानी) को भी बढ़ावा मिलता है।
कृषि में नवाचार और स्टार्टअप कल्चर को प्रोत्साहन मिलता है, जिससे युवा उद्यमियों को अवसर मिलते हैं।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) भारत में कृषि और संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना राज्यों को उनके कृषि क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार निवेश करने की स्वतंत्रता देती है और किसानों की आय में सुधार करने में सहायक है। इसके विभिन्न घटकों के माध्यम से यह योजना कृषि क्षेत्र में नवाचार, उद्यमिता और समावेशी विकास को बढ़ावा देती है।