Share Market: शेयर बाजार में भारी गिरावट, एक घंटे में ₹3.5 लाख करोड़ का नुकसान

Share Market: शेयर बाजार में साल के आखिरी दिन भी गिरावट जारी रही, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई। आज के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख इंडेक्स में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में लगभग 700 अंक गिरकर एक नकारात्मक दिशा में कदम रखा। वहीं निफ्टी भी लगभग 180 अंकों की गिरावट के साथ 23,500 के स्तर के नीचे चला गया। इस गिरावट ने निवेशकों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए और एक बार फिर बाजार की अस्थिरता को उजागर किया।

इस गिरावट का सबसे बड़ा असर आईटी शेयरों पर पड़ा। आईटी सेक्टर, जो शेयर बाजार के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एक है, ने आज सबसे अधिक नुकसान उठाया। आईटी कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिरावट आई, जिससे इस क्षेत्र के निवेशकों को काफी नुकसान हुआ। आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वैश्विक स्तर पर तकनीकी क्षेत्र की मंदी, खासकर अमेरिकी बाजारों में कमजोरी और विदेशी निवेशकों की ओर से बिकवाली का असर शामिल है।

आज की गिरावट के कारणों को समझने के लिए तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देना जरूरी है। पहला कारण वैश्विक बाजारों में कमजोर रुझान था। दुनिया भर के शेयर बाजारों में वित्तीय संकट, मंदी के संकेत और जियो-पॉलिटिकल घटनाओं के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी बाजारों में कमजोरी के चलते भारतीय बाजारों पर भी दबाव पड़ा। अमेरिकी बाजारों में मंदी के संकेत और सख्त मौद्रिक नीति के चलते विदेशी निवेशकों ने अपनी स्थिति कमजोर की, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।

दूसरा कारण आईटी सेक्टर में आई कमजोरी है। भारतीय आईटी कंपनियां, जो वैश्विक स्तर पर सेवाएं प्रदान करती हैं, अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों से संबंधित होती हैं। इन क्षेत्रों में आर्थिक मंदी और कॉस्ट कटिंग की प्रवृत्तियों के चलते आईटी कंपनियों के राजस्व में गिरावट की संभावना है। इसके चलते आईटी कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली हुई। निवेशकों ने इस क्षेत्र से अपना पैसा निकालने की कोशिश की, जिससे इन कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आई।

तीसरा कारण घरेलू आर्थिक स्थिति में अनिश्चितता और निवेशकों का भय था। भारत में घरेलू मोर्चे पर भी कई समस्याएं हैं, जैसे कि मुद्रास्फीति, ब्याज दरों में वृद्धि और सरकार की आर्थिक नीति में बदलाव की उम्मीदें। इन कारकों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया और उन्होंने शेयर बाजार से बाहर निकलने का फैसला किया। यह घरेलू और वैश्विक कारकों का मिश्रण था, जिसने भारतीय शेयर बाजार को नीचे खींच लिया।

इस गिरावट के परिणामस्वरूप, आज के कारोबारी दिन में निवेशकों के पोर्टफोलियो में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह आंकड़ा भारतीय बाजार की अस्थिरता और अनिश्चितता को दर्शाता है। हालांकि, यह भी संभव है कि आने वाले दिनों में बाजार में सुधार हो, लेकिन वर्तमान समय में निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

अंत में, शेयर बाजार की स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि साल के आखिरी दिन की गिरावट कई कारणों से उत्पन्न हुई, जिनमें वैश्विक बाजारों में कमजोरी, आईटी सेक्टर की मंदी और घरेलू आर्थिक चुनौतियां शामिल हैं। निवेशकों को अपने निवेश निर्णयों में सतर्कता बरतनी चाहिए और इस तरह की अस्थिरता के लिए तैयार रहना चाहिए।

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