CG News: कोरबा जिले में रिलायंस रिटेल के स्मार्ट बाजार को एक निर्णय सुनाया गया है, जिसमें कहा गया कि कंपनी को 30 दिन के भीतर टी-शर्ट की कीमत की क्षतिपूर्ति राशि लौटानी होगी। यह निर्णय उस पर आरोपों के बाद लिया गया है कि कंपनी ने अपनी ऑफ़र के तहत कम कीमत बताकर अधिक कीमत ली थी। यह मामला ग्राहक धोखाधड़ी से संबंधित था, जहां ग्राहक को भ्रामक जानकारी दी गई थी। अब कंपनी को क्षतिपूर्ति राशि लौटाने का आदेश दिया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को न्याय मिल सके।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पॉम माल रिलायंस रिटेल स्मार्ट बाजार कोरबा पर उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। दुकानदार ने ऑफर में कम कीमत बताकर ग्राहकों से अधिक कीमत वसूली और सामान वापस करने पर भी उन्हें पूरी रकम वापस नहीं की। इसके अलावा, ग्राहक पर सामान खरीदने के लिए दबाव डाला गया। इस मामले में उपभोक्ता न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए रिलायंस रिटेल को आदेश दिया कि वह टी-शर्ट की कीमत 30 दिन के भीतर ग्राहक को वापस लौटाए। साथ ही, कोर्ट ने रिलायंस रिटेल को भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने की सख्त हिदायत दी है।
उपभोक्ता आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय उपभोक्ताओं को मिला न्याय
सूर्यकांत शर्मा, जो कोरबा रोड कटघोरा के निवासी हैं, ने 21 जुलाई 2024 को रिलायंस रिटेल लिमिटेड, स्मार्ट बाजार पॉम मॉल से एक पेंट और एक शर्ट खरीदी थी। दुकान में पेंट की कीमत 799 रुपए और शर्ट की कीमत ऑफर में 599 रुपए के रूप में चस्पा की गई थी। इस आधार पर, सूर्यकांत ने पेंट और शर्ट के लिए कुल 1598 रुपए का भुगतान किया, जिसमें से 200 रुपए मोबाइल रिडीम पॉइंट के रूप में शेष थे।
जब सूर्यकांत ने यह कहा कि ऑफर के तहत शर्ट की कीमत 599 रुपए होनी चाहिए थी, तो दुकान के संचालक ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद, सूर्यकांत ने शर्ट को तुरंत वापस कर दिया और 799 रुपए में से 200 रुपए का मोबाइल रिडीम पॉइंट छोड़कर शेष 599 रुपए की वापसी की मांग की। इसके बजाय, बिना पूछे, दुकान संचालक ने 799 रुपए राशि को सूर्यकांत के मोबाइल रिडीम पॉइंट में डाल दिया और उन्हें रिलायंस स्मार्ट बाजार से कोई भी सामान खरीदने का निर्देश दिया।
इस मामले में, सूर्यकांत ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उचित राशि की वापसी की मांग की।
जल्द से जल्द 30 दिनों में भुगतान करने की आवश्यकता
इस मामले में एक उपभोक्ता ने अधिवक्ता शिवचरण चौहान के माध्यम से उपभोक्ता आयोग में एक प्रकरण दायर किया था। इसमें उपभोक्ता ने रिलायंस रिटेल स्मार्ट बाजार द्वारा एक अनुचित व्यापारिक व्यवहार का आरोप लगाया था, जिसमें ग्राहक से अधिक राशि ली गई और सामान वापस करने के बावजूद राशि वापस नहीं दी गई। इसके बजाय, उसे केवल कार्ड पॉइंट में राशि दी गई, जो अनुचित था।
इस मामले की सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कोरबा की अध्यक्ष रंजना दत्ता और सदस्य पंकज कुमार देवड़ा ने की। आयोग ने इसे अनुचित व्यापारिक व्यवहार मानते हुए निर्णय दिया कि रिलायंस रिटेल स्मार्ट को उपभोक्ता को 599 रुपए की टी-शर्ट की राशि 30 दिनों के भीतर कैश या ऑनलाइन वापस करना होगा। इसके साथ ही, मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में 3000 रुपए और वाद व्यय के रूप में 2000 रुपए भी 30 दिनों के भीतर देने का आदेश दिया गया। अगर 30 दिनों के भीतर राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो निर्धारित राशि पर 9% वार्षिक ब्याज भी देना होगा।