Chhattisgarh: सीनियर आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, केंद्र सरकार ने जीपी सिंह के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें राहत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका को रिज कर दिया है, जिससे जीपी सिंह को राहत मिली और उन्हें उच्चतम न्यायालय से न्याय मिला। यह फैसला उनके लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी विजय है।
आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सरकार द्वारा कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इस फैसले के साथ ही जीपी सिंह की बहाली का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है, और उन्हें फिर से सेवा में वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
यह उल्लेखनीय है कि आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने 21 जुलाई 2023 को जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देते हुए सेवा से बाहर कर दिया था। सिंह ने इसे केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी। इसी साल 30 अप्रैल को कैट ने जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत करते हुए उन्हें बहाल किए जाने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दायर की गई याचिका
कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) के फैसले के बाद राज्य सरकार ने केंद्र से अनुशंसा की थी कि उस व्यक्ति को फिर से बहाल किया जाए। लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें बहाल करने के बजाय, कैट के आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया, इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र की याचिका खारिज कर दी। इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग से संबंधित मामलों को राजनीति से प्रेरित मानते हुए खारिज कर दिया था।
यह है मामला सवालों के घेरे में क्या है
एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने जुलाई 2021 में छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी जीपी सिंह के सरकारी बंगले पर छापा मारा था, जो राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य ठिकानों पर भी किया गया था। इस छापे के दौरान अधिकारियों ने 10 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए थे। इसके बाद एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस घटना के परिणामस्वरूप भूपेश बघेल सरकार ने जीपी सिंह को सस्पेंड कर दिया और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था।
2022 जीपी सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जांच जारी
जीपी सिंह पर आरोप था कि वह सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। 9 जुलाई 2021 को उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था, और मई 2022 में उन्हें जमानत मिल गई। इसके बाद, सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने 21 जुलाई 2023 को उन्हें रिटायर कर दिया।