Supreme Court On Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है। प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश दिया कि दसवीं और बारहवीं कक्षाओं को भी ऑनलाइन किया जाए। इससे एक दिन पहले ही ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू होने के बाद दिल्ली के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था, हालांकि दसवीं और बारहवीं की कक्षाएं चलती रहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) से संबंधित निर्देश जारी किए और उत्तर प्रदेश (यूपी) और अन्य राज्यों की सरकारों से इस पर निर्णय लेने के लिए कहा। सुनवाई के अंतिम चरण में, यूपी और हरियाणा के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि वे 9वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने का विचार कर रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जज ने टिप्पणी की कि बच्चों के फेफड़े 10वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों के भी समान होते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सभी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे नागरिकों को प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करें।
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर के राज्यों को एक ऐसा तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया, जिससे GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के तहत लागू प्रतिबंधों के उल्लंघन की शिकायत की जा सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि GRAP-4 के तहत प्रतिबंधों को जारी रखा जाए, भले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 450 से नीचे आ जाए। प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने के संबंध में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने तत्परता दिखाने की आवश्यकता जताई।
दिल्ली के कई इलाकों में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार पहुँच गया है, जबकि कुछ इलाकों में यह आंकड़ा 1000 के करीब पहुंच गया है। इस गंभीर स्थिति को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। बीजेपी इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों ले रही है, जबकि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण इतनी गंभीर स्थिति में पहुँच चुका है कि यह चिकित्सा आपातस्थिति बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस समस्या से निपटने में अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।