Surajpur: छत्तीसगढ़ राज्य में सरकारी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी प्रक्रिया जारी है, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है। इस समय राज्य के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में किसानों से धान की खरीदी की जा रही है, जिससे उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है। लेकिन, उमेश्वरपुर धान खरीदी केंद्र पर कुछ तकनीकी और व्यवस्थागत समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, जिसके कारण यहां पर आज धान खरीदी की प्रक्रिया रुक सकती है। समिति प्रबंधन ने इस स्थिति के बारे में जिला विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर इसके कारणों का उल्लेख किया है।
अब तक इस केंद्र पर लगभग 38,783.20 क्विंटल धान खरीदी जा चुकी है, जो कि किसानों के लिए एक अच्छा संकेत है, लेकिन एक बड़ी समस्या उठ खड़ी हुई है। केवल 1,520 क्विंटल धान का ही उठाव हो सका है, और बाकी धान का रख-रखाव अब मुश्किल हो रहा है। दरअसल, कुछ धान को डेनेज (गोदाम) में स्टोर करके रखा गया है, लेकिन समस्या यह है कि समिति का बफर लिमिट केवल 1,400 क्विंटल धान तक ही है। इस स्थिति में, केंद्र के पास धान रखने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं बचा है और धान का भंडारण क्षमता से अधिक हो चुका है। इससे आगे की खरीदी में रुकावट उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि यदि धान का उठाव नहीं किया जाता तो खरीदी की प्रक्रिया ठप हो सकती है।
समिति प्रबंधन ने इस स्थिति को लेकर अधिकारियों से शीघ्र धान उठाव की व्यवस्था करने की अपील की है, ताकि खरीदी की प्रक्रिया बिना किसी बाधा के जारी रह सके। अधिकारियों ने इस मुद्दे पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है, ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो और वे अपने धान को समय पर बेच सकें। इसके साथ ही, किसानों को भी इस बात की चिंता है कि यदि उनकी फसल का उठाव समय पर नहीं किया गया तो वे आर्थिक संकट में पड़ सकते हैं, क्योंकि धान का भंडारण करने की जगह न होने पर उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलना मुश्किल हो सकता है।
उमेश्वरपुर धान खरीदी केंद्र पर इस समय जिस प्रकार की समस्या उत्पन्न हुई है, उससे यह स्पष्ट होता है कि सही तरीके से उठाव की व्यवस्था की आवश्यकता है, ताकि केंद्रों पर धान के संग्रहण में कोई परेशानी न हो और किसानों को उनका भुगतान समय पर मिल सके। इसके अलावा, सरकार को भी इस बात की गंभीरता से विचार करना चाहिए कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए अधिक संसाधन और बेहतर प्रबंधन व्यवस्था स्थापित की जाए, ताकि किसानों को हर साल धान बेचने में कोई मुश्किल न हो। साथ ही, धान की खरीदी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिलों में उचित गोदामों और भंडारण सुविधाओं का निर्माण भी किया जाना चाहिए।
इस मुद्दे का समाधान तत्काल जरूरी है, ताकि किसानों का विश्वास बना रहे और उन्हें उनके उत्पाद का सही मूल्य मिल सके। इस प्रकार की समस्याएं कृषि क्षेत्र की विकास प्रक्रिया में बाधा डाल सकती हैं, इसलिए सरकार और संबंधित अधिकारियों को इसे प्राथमिकता से सुलझाने की आवश्यकता है।