Upper Circuit Stocks: नए ऑर्डर की खबर से सरकारी कंपनी का शेयर उछला, सर्किट पर ठहरा

Upper Circuit Stocks:  जब कोई शेयर बाज़ार में चढ़ता है या गिरता है, तो इसमें बहुत सी गतिविधियाँ होती हैं, जो निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए आकर्षण का कारण बनती हैं। कई बार, कुछ ऐसे घटनाक्रम होते हैं जो शेयर की कीमत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा या घटा सकते हैं। ऐसा ही कुछ शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024 को हुआ, जब एक शेयर में अचानक से बहुत ज्यादा खरीदारी हुई और शेयर सर्किट लिमिट पर पहुंच गया। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

शेयर बाजार में हर दिन लाखों खरीद और बिक्री के आदेश होते हैं, और शेयर की कीमत उस मांग और आपूर्ति के आधार पर बढ़ती और घटती रहती है। कुछ शेयरों में जब अचानक बहुत अधिक मांग बढ़ जाती है, तो उनकी कीमत में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। इसी प्रकार का एक उदाहरण 27 दिसंबर 2024 को देखने को मिला। इस दिन एक विशेष शेयर ने शुरुआत में एक सामान्य व्यापार किया। सुबह के समय शेयर 1,465.80 रुपये के बंद भाव से खुला और 1,470 रुपये तक पहुंच गया। हालांकि, इसके बाद कुछ समय के लिए यह शेयर गिरकर 1,445 रुपये तक चला गया।

लेकिन जैसे ही खबरें आईं, इस शेयर को खरीदने की होड़ लग गई। निवेशक और ट्रेडर्स इस शेयर को खरीदने के लिए तेजी से दौड़ पड़े। नतीजतन, शेयर की कीमत ने तेज़ी से बढ़ना शुरू किया और यह 1,539.05 रुपये तक पहुंच गई। यह एक बहुत बड़ी उछाल थी, जो बहुत कम समय में आई। इतना होने के बाद, शेयर पर सर्किट ब्रेकर लागू हो गया। सर्किट ब्रेकर वह सीमा होती है जब शेयर की कीमत एक निर्धारित सीमा तक बढ़ने या घटने के बाद ट्रेडिंग को रोक दिया जाता है। यह उपाय इसलिए होता है ताकि शेयर की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से बचा जा सके और निवेशकों को बहुत बड़ा नुकसान न हो।

सर्किट ब्रेकर का उद्देश्य यह होता है कि शेयर बाजार में अस्थिरता से बचा जाए और निवेशकों को जल्दी-जल्दी खरीदारी या बिक्री करने के लिए दबाव में न डाला जाए। जब किसी शेयर पर सर्किट ब्रेकर लागू होता है, तो उसका ट्रेडिंग कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाता है, जिससे उसके भाव स्थिर हो जाते हैं और उसे फिर से सामान्य रूप से कारोबार किया जा सकता है। इस दिन की घटना से यह स्पष्ट होता है कि किसी एक खास शेयर में अचानक बदलाव आ सकता है, खासकर तब जब कोई बड़ी खबर या जानकारी सामने आती है।

सर्किट ब्रेकर का निर्णय ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर द्वारा स्वचालित रूप से लिया जाता है, जब शेयर की कीमत एक निर्धारित सीमा, जैसे कि 5%, 10%, 15%, या 20%, तक बढ़ जाती है या गिर जाती है। यह सीमा एक्सचेंज द्वारा पहले से तय की जाती है, ताकि कोई भी शेयर बेहद तेजी से ऊपर या नीचे न जाए और बाजार में अस्थिरता न हो। अगर किसी शेयर की कीमत एक दिन में इतनी तेजी से बढ़ जाती है या घट जाती है कि वह सर्किट ब्रेकर की सीमा को पार कर जाती है, तो ट्रेडिंग को रोका जाता है और शेयर का कारोबार कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया जाता है।

इस प्रकार की घटनाएँ शेयर बाजार की अस्थिरता को दिखाती हैं, लेकिन यह भी दर्शाती हैं कि निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए मौके और जोखिम दोनों होते हैं। जब खबर आती है, तो शेयर की कीमत पर उसका प्रभाव तुरंत पड़ सकता है, और यह समझने की आवश्यकता होती है कि एक छोटा सा बदलाव भी व्यापारियों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

इस घटनाक्रम ने यह भी साबित किया कि एक शेयर में अचानक से बड़ा बदलाव किसी के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन यह जोखिम भी लेकर आता है। इसलिए, किसी भी निवेश के निर्णय को बहुत सोच-समझ कर और पूरी जानकारी के साथ लेना चाहिए।

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