Petrol Diesel Rate: 10 जनवरी 2025 को पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि हुई है, जो आम जनता को और भी महंगाई का सामना करवा रही है। सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिसके बाद कई शहरों में इनकी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसी प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 110 और 95 रुपये प्रति लीटर के आसपास हो गई हैं। बढ़ी हुई कीमतों के कारण वाहन मालिकों और परिवहन सेवा क्षेत्रों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इससे यात्रा और सामानों की आपूर्ति की लागत में इजाफा होगा।
इस बढ़ोतरी का कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और सरकारी टैक्स नीति को बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस बढ़ोतरी को नियंत्रित नहीं किया गया, तो इसका असर खाद्य और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है।
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा दरों पर निर्भर करती हैं। इन कीमतों का निर्धारण रोजाना सुबह 6 बजे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा किया जाता है। प्रमुख कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम इस प्रक्रिया में शामिल होती हैं। इन कंपनियों द्वारा कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा दरों के आधार पर पेट्रोल और डीजल की नई दरें तय की जाती हैं, जो देशभर के पेट्रोल पंपों पर लागू होती हैं।
पेट्रोल और डीजल के दाम रोजाना बदलते रहते हैं और इनका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर-रुपये के विनिमय दर पर निर्भर करता है। जब कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होती है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी वृद्धि होती है। इसी तरह, यदि डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत घटती है, तो यह भी पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा कर सकता है। इन दोनों कारकों का असर सीधा आम उपभोक्ताओं पर पड़ता है, क्योंकि ईंधन के दामों में बदलाव से परिवहन और अन्य उद्योगों की लागत भी प्रभावित होती है।