CG Train News: कोहरे के कारण ट्रेनों की गति धीमी, यात्रियों में बढ़ रही बेचैनी

CG Train News: रायगढ़ जिले में इन दिनों शीतलहर का प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे यात्री ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है। शीतलहर के कारण कुछ ट्रेनें 1 से 2 घंटों तक देरी से चल रही हैं, जबकि अन्य ट्रेनों को देरी से रवाना किया जा रहा है। इस स्थिति ने यात्रियों के लिए असुविधा उत्पन्न कर दी है, और उन्हें लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। मौसम के असर के चलते रेलवे प्रशासन द्वारा लगातार ट्रेनों की स्थिति की निगरानी की जा रही है, ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में इन दिनों चल रही शीतलहर के कारण यात्री ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है। इसके परिणामस्वरूप कई ट्रेनों का समय बिगड़ गया है। कुछ ट्रेनें एक से दो घंटे की देरी से चल रही हैं, जबकि कुछ ट्रेनों को देरी से रवाना किया जा रहा है। इसके कारण यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में 15 से 20 घंटे की देरी हो रही है। शीतलहर के चलते रेल यातायात पर इसका बड़ा असर पड़ रहा है, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रविवार को आने वाली उत्कल एक्सप्रेस और गोंडवाना एक्सप्रेस को सोमवार सुबह तक पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है। इस देरी के कारण, इन ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यात्रा में हो रही इस देरी से यात्रियों को असुविधा हो रही है, और उनके यात्रा के योजनाओं में भी विघ्न उत्पन्न हो रहे हैं। यह स्थिति विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए कठिनाई का कारण बन रही है, जो जल्दी अपने गंतव्य पर पहुंचने की उम्मीद करते हैं।

दूर-दराज के यात्री संघर्ष का सामना कर रहे हैं

जनवरी माह के आरंभ के साथ ही ठंड की तीव्रता लगातार बढ़ रही है। खासतौर से उत्तर भारत में ठंड के साथ-साथ कोहरे का भी असर बढ़ गया है, जिससे यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर भारत से आने वाली लगभग सभी ट्रेनों में 12 से 18 घंटे की देरी हो रही है। इस स्थिति में, विशेष रूप से विगत दो-तीन दिनों से ऋषिकेश से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन की समय पर नहीं चलने की समस्या सामने आ रही है।

यह ट्रेन हर दिन देरी से चल रही है, जिससे यात्रियों को घंटों स्टेशन पर इंतजार करना पड़ रहा है। रविवार को योगनगरी ऋषिकेश से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस को दोपहर 11.10 बजे तक अपनी मंजिल पर पहुंचना था, लेकिन कोहरे और अन्य कारणों से यह ट्रेन देरी से चल रही है। अब इस ट्रेन के सोमवार सुबह 6 बजे तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इस प्रकार के मौसम संबंधी बदलाव यात्रा के समय में भारी बदलाव ला रहे हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है।

सोमवार सुबह तक पहुंचेगी यह ट्रेन जानिए यात्रा का पूरा विवरण

रविवार को कई ट्रेनों में घंटों की देरी ने यात्रियों के लिए कठिनाइयाँ बढ़ा दी हैं। जैसे कि निजामुद्दीन से चलने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस, जो शाम करीब सात बजे तक पहुंचने वाली थी, अब सोमवार सुबह तक पहुंचने का अनुमान है। इसी प्रकार, हावड़ा से आने वाली कई ट्रेनों में भी विलंब देखा गया है। हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस का रायगढ़ पहुंचने का समय सुबह 9 बजे था, लेकिन यह ट्रेन दोपहर करीब 1.30 बजे पहुंची। इसी तरह समरसता एक्सप्रेस का समय 7.19 बजे था, लेकिन यह भी शाम करीब 3.45 बजे पहुंची। शालीमार-भूंज एक्सप्रेस का पहुंचने का समय 4.57 बजे था, लेकिन यह शाम को 7.44 बजे पहुंची।

इसके अलावा पुरी-ऋषिकेश उत्कल एक्सप्रेस का समय 12 बजे था, लेकिन यह ट्रेन शाम करीब 3.11 बजे पहुंची। योगनगरी ऋषिकेश-पुरी का रायगढ़ पहुंचने का समय 11.20 बजे था, लेकिन अब यह ट्रेन सोमवार सुबह तक पहुंचने की संभावना है। कुल मिलाकर, रविवार को ट्रेनों में हुई देरी ने यात्रियों को भारी असुविधा का सामना कराया है।

यात्री हो रहे हलाकान सफर में बढ़ी मुश्किलें

रायगढ़ और जशपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से कई लोग रोज़ी-रोटी के लिए दिल्ली जाते हैं, और उनके लिए उत्कल एक्सप्रेस और गोंडवाना एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की यात्रा काफी सुविधाजनक होती है। लेकिन रविवार को गोंडवाना एक्सप्रेस के यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्री पहले ही शाम को स्टेशन पहुंच गए थे, लेकिन ट्रेन समय पर नहीं पहुंची। शाम ढलने तक ट्रेन के नहीं आने पर उनकी परेशानी और बढ़ गई। अब यात्रियों का कहना था कि उन्हें रातभर स्टेशन पर बैठकर इंतजार करना होगा, क्योंकि सोमवार सुबह ट्रेन आने पर ही वे अपनी मंजिल के लिए रवाना हो सकेंगे।

कड़कड़ाती ठंड में ट्रेन का इंतजार करना और भी मुश्किल हो गया था, खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए। ठंड का समय होने के कारण उन्हें और भी अधिक परेशानी हो रही थी। इन यात्रियों का घर दूर होने के कारण वे वापस अपने घर भी नहीं जा सकते थे, जिससे उनके पास इंतजार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।

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